उम्र के हर वर्ष में,
माँ-बाप से मिले ममत्व में,
जीवन में बुने सपनों में
पल-पल बदलते इन रिश्तों में
माँ-बाप से मिले ममत्व में,
जीवन में बुने सपनों में
पल-पल बदलते इन रिश्तों में
सही चीज को पहचानो..
वर्ष के हर ऋतुओं में
हर वक्त बदलते इन मौषम में,
पतझड़ में झड़ी पत्तियों में
दूर प्रवास को आये पंछियों में
सही चीज को पहचानो..
आशाओं के हर शब्दों में,
अपने पाक-साफ इरादों में,
जीने की हर शैलियों में,
विभिन्न आयाम में बंटे इस समाज में,
सही चीज को पहचानो .....
वर्ष के हर ऋतुओं में
हर वक्त बदलते इन मौषम में,
पतझड़ में झड़ी पत्तियों में
दूर प्रवास को आये पंछियों में
सही चीज को पहचानो..
आशाओं के हर शब्दों में,
अपने पाक-साफ इरादों में,
जीने की हर शैलियों में,
विभिन्न आयाम में बंटे इस समाज में,
सही चीज को पहचानो .....
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