अइसे त भोलाे क नगरी 12 हो महीना गुलजार और बम बम रहेला, लेकिन शिवरात्रि के दिन क बात ही कुछ अउर ह। हम त बचपन में टीवी पर जइसे श्री कृष्णा देखत समय द्वारका और रामायण देखत समय अयोध्या के महसूस कइली, वइसने कुछ हर साल शिवरात्रि पर आपन बनारस लगल। हॉय, हैलो, जयरामी, नमस्कार, प्रणाम सब कोनिया के लोग खाली हर हर महादेव अउर बम भोले से अइसे न एक दूसरे से मिले लन कि जइसे कहीं दूसरे दुनिया में चल गयल हउवन।
बाबा विश्वनाथ मंदिर, मृत्युंजय महादेव मंदिर, गौरी केदारेश्वर मंदिर, बीएचयू मंदिर ही नाहीं हर गली कोना में विराजमान शिवलिंग और भोलाा बाबा के दर्शन बदे लोगन क भीड़ इकट्ठा रहेला। लोगन क माथे पर त्रिपुंड और बोली में हर हर महादेव आदमी के अंदर से खुश कर देला।
ई बनारस ह गुरु! सब मस्त। भोलाे बाबा क शादी के दिन सब कोई बाराती बन जाला और वहू विशेष आमंत्रित। शिव बारात त अइसे, जइसे साक्षात बाबा दुल्हा बनकर आ गयल हउवन। बाराती सब दुनिया-दारी, नफा-नुकसान, मोह-माया छोड़ कर बस शिवमय हो नाचत गावत बाबा के पीछे-पीछे निकल जायलन। जइसे बाबा हमेशा मस्ती में रहे लन वइसे ही बाबा भक्त भी भांग छान-घोट कर और ओम्मन ठंडई क तड़का लगा क पूरा न आनंद उठावेलन।
शिवरात्रि पर बनारस में समय बितावा। ओकरे बाद ई प्रश्न पूछल बंद कर देबा कि काहें बनारसी एतना अइठन बाज होलन। आपन धुन, आपन राग। न कोई से डरना, न कोई सही आदमी के डराना। मन मिलल त सब कुछ न्यौछावर, नाहीं त गरिया क भगा दीहन। एकदम पूछल बंद कर देबा। देखा यार ई सच ह कि बनारसी हमेशा ई गुमान में रहेलन कि कुच्छो गड़बड़ होई त बाबा सब देख लीहन। ऐही से बनारसी पूरी दुनिया में आपन डंका भी बजावेलन। जहां जालन छा जालन।
कुछ दिन से सोशल साइट्स पर एक पोस्ट खूब शेयर होत ह कि ई काशी ह इहां जीते वाला पीएम और हारे वाला भी सीएम बन जाला। हां गुरु सच ह। ई हां जीते-हारे दुन्नों तरह के आदमी के कुछ न कुछ मिलेला। लेकिन यहू जान ल कि इहां बिना कुछ मांगे वाला के भी स्वर्ग नसीब होला। बाबा ओके जीवन-मृत्यु क माया से दूर कर लेवे लन। यार बाबा के लग्गे जवन आनंद ह उ कहीं ना ही ह। ऊहां जवन सुख ह ओतना त कउना कुर्सी पर बइठ कर नाहीं।
मजा ला शिवरात्रि क... मन करी त शिवरात्रि पर बनारस में रहकर देख लीहा... हम त पइदे लेली वहीं। यही सब देख के आगे बढ़ली। तोहू देख लीहा। सब भूल जइबा...