सीएम अखिलेश ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से की तुलना
शुक्रवार को ब्रिटेन में हो रहे प्रधानमंत्री चुनाव 2015 का नतीजा आया। इसमें कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख डेविड कैमरून की दोबारा जीत हुई। परिणाम की घोषणा आते ही विश्व के कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी। ऐसे में यूपी के सीएम अखिलेश यादव पीछे क्यों रह जाते? उन्होंने भी एक कार्यक्रम के दौरान कैमरून को जीत की बधाई दी। साथ ही उन्होंने एक शब्द और बोला- 'कैमरून की तरह मैं भी दोबारा सरकार बनाऊंगा।' क्या यह आश्चर्य करने वाला स्टेटमेंट लगता है!
अखिलेश ने यह स्टेटमेंट ऐसे ही थोड़े न दिया है। वह खुद को कैमरून से बड़ा नेता भी बता सकते हैं। बताएं भी क्यों नहीं? साल 2011 के सेंसस रिपोर्ट के आधार पर यूपी की आबादी 19, 95, 81, 477 है। मतलब वह इतनी आबादी के मुखिया (नेता) हैं। वहीं, 2015 के सेंसस के मुताबिक ग्रेट ब्रिटेन (युनाइटेड किंगडम) की आबादी 6,38, 43,856 है, अर्थात वह इतनी ही आबादी के मुखिया (नेता) हैं। हां, फर्क है तो पद में है, जहां अखिलेश सीएम हैं वहीं कैमरून पीएम हैं। सीएम अखिलेश जहां 5 कालिदास मार्ग में रहते हैं, वहीं कैमरून 10 डाउनिंग स्ट्रीट में रहते हैं।
यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार को सीएम अखिलेश चला रहे हैं तो मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी को मायावती चला रही हैं। बीजेपी और कांग्रेस अपने राष्ट्रीय नेताओं के निर्देशन में चल रही है। वहीं, ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के प्रमुख डेविड कैमरून हैं तो लेबर पार्टी की ओर से एड मिलीबैंड को प्रतिनिधित्व मिला है। दूसरी छोटी पार्टियों में स्कॉटिश नेशनल पार्टी में निकोल स्ट्रूगेन और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रमुख निक क्लेग हैं। इसके साथ ही यूके इंडिपेंडेंस पार्टी निगल फराग के नेतृत्व में चल रही है। यूपी विधानसभा में 403 सीटों के लिए चुनाव होता है तो ब्रिटेन में 650 सीटों के लिए।
ब्रिटेन में हुआ चुनाव एक और तरह से यूपी के परिदृश्य को दिखाता है। यूपी की राजनीति में भी जहां छोटी-छोटी पार्टियां अहम योगदान रखती हैं वहीं, ब्रिटेन में हुए चुनाव में भी क्षेत्रीय और छोटे दलों के उभरने से वहां की राजनीति ने नए दौर में प्रवेश लिया है। हर पार्टी और नेता के अलग-अलग मुद्दे थे और चुनावी वायदे। यूपी की तरह ही ब्रिटेन की संस्कृति भी काफी रिच है। ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो दोनों का इतिहास भी काफी पुराना है।
अब बात करते हैं यूपी और ब्रिटेन के चुनावी मुद्दों की। ब्रिटेन में साल 2015 के चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा वहां की डंवाडोल होती अर्थव्यवस्था और यूरोपीय संघ से बाहर जाने या न जाने का मुद्दा था। इसके साथ हेल्थ सेवाओं को भी चुनावी मुद्दा बनाया गया था। वहीं, देश के यूरोपीय संघ का सदस्य बने रहने के बारे में जनमत संग्रह कराने के साथ-साथ स्कॉटलैंड और वेल्स को तत्काल शक्ति हस्तांतरण करने का वादा किया है। कैमरून अपने पिछले कार्यकाल में किए गए सुधारवादी कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार भी कर रहे थे, जिसे विशेषज्ञों ने भी काफी सराहा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यूरोपीय संघ को लेकर उनके द्वारा जनमत संग्रह कराने के वादे का भी जनता पर काफी प्रभाव पड़ा।
अब आइए बात करते हैं अखिलेश यादव के कार्यकाल के बारे में। यूपी आर्थिक रूप से जहां पिछड़ा प्रदेश है, वहीं जातिगत आधार पर बंटा हुआ भी है। मूलभूत सुविधाओं का पूरी तरह से अभाव है। न उचित मात्रा में बिजली है न पानी। एक तरफ उद्योगों के अभाव में युवा दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ किसानों पर प्रकृति की मार पड़ रही है।
भारत में अगर यूरोपीय निवेश की ओर ध्यान दें तो उसमें ब्रिटेन का नाम सबसे ऊपर आता है। इसके साथ ही भारत ब्रिटेन में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है। भारतीय छात्रों का दूसरा सबसे बड़ा समूह ब्रिटेन में ही है। सीएम अखिलेश यादव भी निवेश को लेकर काफी उत्सुक रहते हैं। वह जर्मनी से ट्रेवल के लिए वन कार्ड पॉलिसी, नीदरलैंड से साइकिल ट्रैक, लंदन से लंदन आई झूला, पेरिस के वेनिस से गंडोला नाव जैसे कॉन्सेप्ट ला चुके हैं। वह फॉरेन इन्वेस्टमेंट के लिए भी बहुत इच्छुक रहते हैं। इसके साथ ही वह प्रवासी भारतीयों के लिए बिजनेस मीट के साथ-साथ उनके सम्मेलन के लिए भी लगातार प्रयास कर रहे हैं।
हालांकि, इस तुलना में एक सवाल और खड़ा होता है? डेविड कैमरून ने जहां अपनी सरकार के गृह सचिव थेरेसा मई, चांसलर जॉर्ज ओसबोर्न और लंदन के मेयर बोरिस जॉनसन को ईमानदार और अपना मजबूत उत्तराधिकारी बताया है, वहीं, सीएम अखिलेश यादव अपनी सरकार के मंत्रियों को ईमानदारी से काम करने की नसीहत देते नजर आते हैं?
क्या वह भी 2017 तक डेविड कैमरून की तरह जनता का विश्वास जीत पाएंगे यह तो समय बताएगा? हालांकि, अभी तो यह सिर्फ स्वांत: सुखाय के रूप में ही दिख रहा है।
इसे आप यहां भी पढ़ सकते हैं:- http://www.bhaskar.com/news/UP-chief-minister-akhilesh-yadav-comparison-to-british-prime-minister-david-cameron-4990887-NOR.html?version=3
No comments:
Post a Comment