रम पीने वालों के लिए बुरी खबर है। खासतौर पर ओल्ड मॉन्क लवर्स के लिए। व्हिस्की के प्रिमियम ब्रांड जॉनी वॉकर, ब्लंडर्स प्राइड, इंपिरियल ब्लू और रॉयल स्टेज पीने वालों के लिए भी यहां खबर है। हां, 'आई एम नॉट अ पार्टी एनीमल। ही ऑर शी इनसिस्ट मी। आई ड्रिंक जस्ट टू हैव अ गुड टाइम। आई एम अ गुड गर्ल/ब्वॉय। डोन्ट माइंड स्टिरियोटाइप गार्जियन लैक्चर।' ऐसी बातें करने वाले यंगिस्तान के लिए अच्छी या बुरी खबर है वे खुद डिसाइड करें। यंग इंडिया किस रास्ते से आगे बढ़ रहा है, इसकी भी रिपोर्ट है। यहां पढ़िए...
इंडिया को आज कल यंगिस्तान कहते हैं। कहें भी क्यों न। एक रिपोर्ट के अनुसार, यहां प्रति पांच व्यक्ति में एक शख्स युवा है। वहीं, साल 2020 तक भारत दुनिया का सबसे युवा देश बन जाएगा, जहां नौजवानों की आबादी करीब 64 फीसदी हो जाएगी। अब एक दूसरी रिपोर्ट की बात करते हैं। मेट्रो शहरों में लगभग 45 फीसदी युवा महीने में 4-5 बार ड्रिंक करते हैं। वहीं, 19-26 साल के यूथ 60 फीसदी एल्कोहल कंज्यूम कर जाते हैं। पब और बार के 80 फीसदी कस्टमर की उम्र 25 साल के आस पास है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल जनसंख्या के मामले में हालांकि, भारत चीन से पीछे हैं, लेकिन 10 से 24 साल की उम्र के 35.6 करोड़ लोगों के साथ भारत सबसे अधिक युवा आबादी वाला देश है। अब एक तीसरी रिपोर्ट भी देखिए। अपने जीवन के 60 बसंत देख चुका रमों का राजा 'ओल्ड मॉन्क' बुरे दौर से गुजर रहा है। इसकी बिक्री लगभग आधी हो गई है। इसे चाहने वाले सोशल साइट्स पर इसे बचाने के लिए कैंपेन चला रहे हैं और इसे बचाने की कोशिश में इसे ज्यादा कंज्यूम करने की अपील कर रहे हैं।
ये यंग इंडिया है, जो आधुनिकता की रेस में उसेन बोल्ट की तरह है। लेकिन, विडंबना है कि वे खाता कम और दौड़ता ज्यादा है। वह अल्कोहल का भी डाई हार्ट लवर्स हो सकता है। खुद को पाक-साफ बताते यह दूसरों के इनसिस्ट करने पर एल्कोहल पीने की बात करते हैं, लेकिन कुछ ही पल बाद कहते हैं कि थोड़ी सी ही तो पी है, कौन सा जुर्म कर दिया। आई एम अ गुड गर्ल ऑर ब्वॉय। ये यंगिस्तान बॉटल के बारे में बेहिचक बात करता है। पैग के बारे में दोस्तों से पूछता है। किसी का बर्थ डे हो या कोई मैच, एग्जाम की शुरुआत हो या अंत, बोरियत मिटानी हो या उदासी को दूर करना हो, कितनी भी बड़ी परेशानी हो या खुशी, ये पीते हैं और छक कर पीते हैं। वे कहते हैं, वी आर एंजाइंग अवर लाइफ इन डैट टाइप। लीव फ्री एंड थिंक बिग। डोंट माइंड स्टिरियोटाइप गार्जियन लैक्चर। लेकिन, जहां बात होती है डू बेस्ट की वहां वह घनचक्कर में पड़ जाते हैं।
अब आते हैं 60 साल के रमों के राजा ओल्ड मॉन्क पर। इंडियन आर्मी से आम आदमी तक की दूरी तय करने में इसे काफी साल लग गए। फिर, जब पहुंचा तो छा गया। मीडिल इनकम और फैमिली वालों की यह पहली पसंद है। देखते ही देखते लोग इसके डाई हार्ट लवर्स हो गए। लेकिन, आज कल ओल्ड मॉन्क के बुरे दिन हैं। साल 2005 में इसकी जितनी सेलिंग थी उसकी आधी हो गई है।
अब आप ये सोचते होंगे की ओल्ड मॉन्क के फैन कम होते जा रहे हैं और इसके चाहने वाले किसी दूसरी ब्रांड की तरफ जा रहे हैं। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। लोगों ने रम पीना ही कम कर दिया है। यूरो मॉनिटर के हिसाब से भारत में जहां वाइन का कंजप्शन 6 फीसदी और बियर का 8 फीसदी बढ़ा है, वहीं रम का मार्केट 1.5 फीसदी घटा है। व्हिस्की के प्रीमियम ब्रांड जॉनी वॉकर, ब्लंडर्स प्राइड, इंपिरियल ब्लू और रॉयल स्टेज लोगों को ज्यादा अट्रैक्ट कर रहा है। इसके कारण ही ओल्ड मॉन्क घाटे में चल रहा है।
अब आते हैं ओल्ड मन्क के फैन्स की तरफ। मेरे एक सीनियर हैं, वह भी इसके जबरदस्त फैन हैं। उन्हें जब पता चला कि ओल्ड मॉन्क घाटे में चल रहा है और कुछ ऐसा ही बाजार रहा तो जल्द ही बंद जाएगा तो उन्होंने बकायदा दो पेटी का ऑर्डर कर दिया। इसके साथ ही इसे सेव करने के कैंपेन में अपनी हिस्सेदारी करते हुए कमेंट किया कि 'वी कंज्यूम मोर फॉर लॉन्ग लाइफ ऑफ अवर बेस्ट टेस्ट रम। सीनियर के मुताबिक उन्हें सबसे पहले ओल्ड मॉन्क उनके पापा ने पिलाया था, ये कहते हुए कि 'मर्दों वाली ड्रिंक पिया करो।' इसके बाद वह इसके फैन हो गए। नवाबों के शहर लखनऊ में मोहन मिकिंस इसे बनाता था और लोग यहां से लगेज कम और ओल्ड मॉन्क ज्यादा ले जाते थे।
सोशल साइट्स पर इसके लिए चल रहे कैंपेन में लोगों के स्टेट्मेंट पढ़ कर और मजा आया। चूंकि मैं इसका फैन नहीं हूं इसलिए उस पेज का लिंक नहीं डाल रहा हूं, लेकिन यकीन मानिए ओल्ड मॉन्क लवर्स ने अपने कमेंट में दिल के जज्बात उतार रखे हैं। मैं यह सोच रहा हूं कि क्या किसी खाने-पीने जैसी चीज से मैं इतनी मोहब्बत कर पाऊंगा। सच में ये प्यार है जो किसी से भी हो सकता है। अब वह ओल्ड मॉन्क ही क्यों न हो।
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