'मुस्कुराइए' आप UP में हैं, यहां की पुलिस जानवरों-इंसानों में फर्क नहीं करती
मुस्कुराइए आप यूपी में हैं। यहां की पुलिस सभी काम छोड़कर अब भैंस, मुर्गी, कुत्ता, बकरी और चुड़ैल खोज रही है। यही नहीं लोगों को भी देखिए, पुलिस सही तरह से कार्रवाई नहीं करती है तो वे सीधा गवर्नर को चिट्ठी लिखते हैं... ओ सॉरी अब तो चिट्ठी वाला जमाना गया, मेल करते हैं... गवर्नर भी तेज तर्रार हैं, हो भी क्यों न सक्रिय राजनीति में कई कारनामे जो कर चुके हैं... वह सीधा अल्टीमेटम देते हैं कि फला दिन के अंदर मामले का खुलासा करना है तो करना है...
दुनिया रोज 10 फर्लांग भाग रही है तो खाकी वर्दी वाले क्यों पीछे रहे... वह 100 फर्लांग आगे भागते हैं.... महकमा जानता है कि ये सब मनुष्य ऐसी हरकत कर रहे हैं कि आगे चलकर जानवर ही बनेंगे तो वह अभी से क्यों न तैयारी कर लें... अब विभाग में आने से पहले ट्रेनिंग लिए हैं तो अगले जन्म की अभी से क्यों नहीं... तो शुरू हो गए हैं तैयारी में... रिजल्ट भी पॉजीटिव ही आया, डेढ़ साल में एक भैंस चोरी का पर्दाफाश कर ही दिया...
यूपी देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां के सीएम भी सबसे युवा हैं... अपना पद संभालते ही वह सुशासन और सिस्टम बदलने का वादा किए थे... इसके लिए ढेरों ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई, कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई और नई व्यवस्था को अमलीजामा पहनाने का वादा भी हुआ... लेकिन, यहां लॉ एंड ऑर्डर तो डार्विन के सिद्धांत को भी अनफॉलो कर देता है... बार-बार कार्रवाई पर भी जस का तस बना है और कहती है मुस्कुराइए आप यूपी में हैं...
ऐसा नहीं है कि यह अभी का हाल है और युवा सीएम ही नकारा साबित हो रहे हैं... वेद प्रकाश शर्मा ने 70 के दशक में वर्दी वाला गुंडा लिखा था... एक मेरठ के पुलिस वाले पर... इसकी 8 करोड़ से ज्यादा कॉपियां बिक चुकी हैं... ये वर्दी वाले भी क्या करें ये तो नमक के सिपाही हैं, हां लमही वाले कहानीकार के शब्दों वाले नहीं... सरकार इन्हें जितने समय और जितने काम करने के एवज में नमक का वायदा करती है उससे ज्यादा समय लेती है तो ये भी रसगुल्ला के पीछे क्यों न भागे...
यूपी में तो अब नेताओं को भी भैंस वाला नेता और मुर्गी वाला नेता कहा जाने लागा है... क्यों इसमें सच्चाई नहीं है क्या... जरा भैंस वाला मंत्री का नाम आते ही आप दिमाग पर जोर करिए... एक बड़े मंत्री की कई फोटो आपको दिख जाएगी और न दिखे तो गूगल बाबा की शरण में जाइए... दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा... बहरहाल, खाकी वर्दी वालों के बीच सफेद वर्दी वालों को नहीं ही घसीटना चाहिए, यहां से भी बेचारी खाकी पर कार्रवाई न हो जाए...
यूपी में तो अब नेताओं को भी भैंस वाला नेता और मुर्गी वाला नेता कहा जाने लागा है... क्यों इसमें सच्चाई नहीं है क्या... जरा भैंस वाला मंत्री का नाम आते ही आप दिमाग पर जोर करिए... एक बड़े मंत्री की कई फोटो आपको दिख जाएगी और न दिखे तो गूगल बाबा की शरण में जाइए... दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा... बहरहाल, खाकी वर्दी वालों के बीच सफेद वर्दी वालों को नहीं ही घसीटना चाहिए, यहां से भी बेचारी खाकी पर कार्रवाई न हो जाए...
वैसे जिस तरह से हर दिन एक नया 'डे' होता है उसी तरह पर खाकी महकमे वालों को भी एक 'डे' बनाना चाहिए... 'एनिमल चोरी शिकायत दर्ज डे'... जैसे जनता दरबार लगता है वैसे इस दिन इन शिकायतों का भी दरबार लगे... और हां ये 'डे' सलाना नहीं मासिक, पाक्षिक या साप्ताहिक होनी चाहिए... आखिर मामले भी तो ज्यादा हैं न...
31 जनवरी को एक बड़े नेता की भैंस चोरी होती है...23 जून को एक विधायक की भी भैंस चोरी हो जाती है... फिर 27 जून को एक सफेदपोश नेता की मुर्गियों पर कोई हाथ साफ कर देता है...29 जून को बड़ी मेहनत से पैसा कमाने वाले व्यापारी के कुत्ते चोरी की शिकायत आती है... फिर 29 जून को एक नेता बकरी चोरी की शिकायत करते हैं... इसी बीच इलाहाबाद में चुड़ैल दिखने की शिकायत पर थाने की एक पूरी टीम उसकी खोज में लग जाती है... फिर कानपुर में चूहे के द्वारा इमरजेंसी बटन दबाने के बाद पहुंची पुलिस उसे खोजने में जुटी है... मामले इतने आ रहे हैं और कार्रवाई के लिए गवर्नर अल्टीमेटम दे रहे हैं तो एक 'डे' तो बनता ही है...
इसीलिए तो कह रहे हैं 'मुस्कुराइए' आप यूपी में हैं यहां की पुलिस जानवरों और इंसानों में फर्क नहीं करती है...
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